Anokhi Pathshala
Thursday, October 22, 2015
शुभ विजया
पावन पर्व दशहरा आया
विजयादशमी भी कहलाया।
राम ने दशानन को मारा
देवी ने महिषासुर संहारा।
' मैं ' तो कभी जीत न पाए
मुझमें दुर्गा , राम समाये ।
अपनी शक्ति हम पहचानें
धृष्टों को हम कभी न बक्शें।
उषा छाबड़ा
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