Monday, August 1, 2022

कुछ ख़ास था इस बार

 

कुछ ख़ास था इस बार

अपनी बात कहूँतो मैं किसी दूसरे शहर अकेले ट्रेन में नहीं गयी थी और न ही चार दिनों के लिए रहने!

भोपाल जाना था। ट्रेन की टिकट बुक हो गई और मैंने अकेले रात- भर का सफर पूरा किया। ऐसा नहीं 

कि ट्रेन में और कोई नहीं था

, बल्कि ऐसा कि मेरे साथ मेरे परिवार का कोई और सदस्य नहीं था। नींद आई नहीं ठीक से !

होटल की बुकिंग वगैरह भी उन्हीं लोगों ने कराई थी जिनके काम के लिए गई थी। स्टेशन पर उतरकर अपने-आप होटल पहुँची। कमरा मिला                  
पर घुसते साथ ही दिखा कि कमरे में पर्दे तो हैं, पर पर्दे के पीछे खिड़की नहीं है। खिड़की के बिना वह कमरा ऐसा लग रहा था जैसे कि कोई जेल हो। थोड़ी देर तो हिचक रही और बाद में मैंने आग्रह किया कि मेरा कमरा बदल दें।

अब दूसरा कमरा मिल गया था और मन में थोड़ी शांति थी। पूरे दिन काम था और शाम होते-होते लगा कि अब कमरे में जाकर क्या करूँगी?

सोचा, चलो आस-पास क्या है, देखा जाए, पर हिम्मत नहीं हुई। रात के वक्त अकेले निकलना थोड़ा उचित नहीं लगा। होटल में ही रुक गई। कुछ किताबें साथ ले गई थी, उन्हें पढ़ा। पर अगले दिन मैंने ठान लिया था कि सुबह ज़रूर कहीं जाऊँगी।

सुबह हुई। जल्दी से नहाकर मैं पास के ही सड़क पर निकल पड़ी। आस-पास पूछने पर पता चला कि वहाँ कोई मंदिर है। वहाँ चली गई। ऐसे मेरे लिए किसी सड़क पर अकेले निकल जाना बहुत ही एक अलग एहसास था। धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी, बार-बार सोच रही थी कि कहीं वापसी में रास्ता न भूल जाऊँ।  वहाँ घूम- फिर कर अच्छा लगा और फिर होटल वापस आ गई। उसी दिन शाम को कार्य खत्म होने के बाद पास के मॉल में चली गई। आज भी तो रात थी, लेकिन आज थोड़ा बेहतर महसूस कर रही थी, थोड़ा हिम्मत जुटा ली थी। चूँकि मुझे मॉल ज़्यादा पसंद नहीं है, तो मैं थोड़ी ही देर में फिर वापस आ गई पर आज मैं थोड़ा बदली हुई थी।

अगले दिन सुबह उठी और आज मैंने सोच लिया कि मैं भोपाल में थोड़ा घूमूँगी। सुबह का वक्त था। ठंडी हवा थी, मैंने ऑटो पकड़ा और बड़े तालाब की ओर चली। वहाँ जाकर मैंने नाव वाले से बात की। आधा घंटा नाव में बैठी। बहुत आनंद आया। अकेले तो नाव में बैठने के बारे में कभी सोचा ही नहीं था। फिर वापसी में एक पार्क भी खोजा। वहाँ पर भी आधा घंटा लगाया और फिर होटल लौट आई और काम किया। शाम को आज किसी भी नज़दीकी बाज़ार में जाने की इच्छा हुई। किसी नामी-गिरामी बड़े बाजार में जाने की इच्छा नहीं थी। बस इच्छा थी कि कुछ ऐसे ही देखा जाए। मैं ऑटो पकड़कर एक  बाज़ार में गयी। बस सिर्फ़ घूमीआस-पास देखा और होटल वापस आ गयी।

अगले दिन सुबह मैं दूसरी तरफ निकली कि देखूँ  कि यहाँ क्या है। अच्छा लगा। दूसरी ओर निकलते ही सब कुछ फिर से अनजाना-सा लगा। ऐसा लगा, मैं तो कहीं और आ गई हूँ। आधा -पौना घंटा घूमने के बाद वापस होटल पहुँच गई।

आज चौथा दिन था। वापसी का दिन। इस बार तो ट्रेन भी वहाँ से खुद ही पकड़नी थी। स्टेशन पर खुद ही पहुँची। अपनी बोगी भी खुद ही खोजीऔर फिर ट्रेन चल पड़ी। रात कटी और सुबह दिल्ली में थी।

पर क्या मैं वही रही, जो मैं चार दिन पहले थी! नहीं, इस बार मैं बदली हुई थी।

मुझ में आत्मविश्वास भर गया था। अकेले कहीं निकलना और फिर पूरे दिन को प्लान करना कि आज सुबह कहाँ जाना है, शाम को क्या करूँगी, अपनी मर्ज़ी से कैसे इसे और बेहतर बनाया जाए कि यह  सफ़र यादगार बन जाए, अनूठा हो जाए!

वाकई यह सफ़र मेरे लिए एक यादगार सफ़र था, जहाँ मैं पहली बार चार दिनों के लिए एक होटल में रुकी,  अपने-आप उस स्थान में घूमी, खूब आनंद लिया और वापस आई।

आप में से बहुतों को लग रहा होगा ये ऐसा तो कुछ खास नहीं लिखा। बिल्कुल सही, आपके लिए बहुत खास नहीं होगा, लेकिन मेरे लिए यह सफर बेहद ख़ास था। 

 उषा छाबड़ा 



Monday, July 18, 2022

तेनालीराम की कहानियाँ





तेनालीराम एक कुशाग्र व्यक्ति थे और उनकी कहानियों बच्चो में एक मुस्कराहट ला देती हैं । तेनालीराम की कहानियों अपने-आप में बहुत ही रुचिकर हैं। इससे बच्चों में समस्या समाधान करने  के कौशल का विकास होता है। तेनालीराम के सामने कई चुनौतियां आईं, पर उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने हर समय अपने दिमाग को काम में लगाया और समस्या का हल ढूँढ़ने की कोशिश की। एक साधारण परिवार से होते हुए भी राजदरबार में अपने कौशल का लोहा मनवाया। उनकी कहानियां आज भी वैसे ही प्रसिद्ध हैं, जैसा कि उनके समय में थीं।

तेनालीराम की कहानियों की कई पुस्तकें बाज़ार में उपलब्ध हैं, लेकिन अपने अनुभव से मैंने यह पाया है कि जब बच्चे ये पुस्तकें पढ़ते हैं, तो उनमें कई कठिन शब्द होते हैं और कई बार कहानियाँ बच्चों के स्तर की भी नहीं होतीं,  इसलिए बच्चे चाहते हुए भी उन किताबों को हाथ नहीं लगाते।

मैंने इन कहानियों को बिल्कुल ही आसान शब्दों में लिखने की कोशिश की है। ये चुनी हुई कहानियाँ हैं।

इन ऑडियो को अहिंदी भाषी क्षेत्र के लोग भी आसानी से पढ़ एवं समझ पाएँगे और इसका लाभ उठा पाएँगे। आशा है बच्चों को यह संग्रह पसंद आएगा।

उषा छाबड़ा  

Listen to Tenaliram audio stories here






Sunday, July 10, 2022

 

सफ़र में कुछ नए प्रयोग 

नमस्कार

मैं लगभग 25 वर्षों से अध्यापन कार्य से जुड़ी हुई हूँ। दिल्ली पब्लिक स्कूल, रोहिणी में चौबीस वर्षों तक हिंदी शिक्षण के साथ-साथ मैंने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अन्य कई प्रयास किए। नाटक, नुक्कड़- नाटक, कहानियाँ मेरी कक्षा शिक्षण के अभिन्न अंग हुआ करते थे। पुस्तकालय से पुस्तकें लाना एवं उनमें से बच्चे को कहानियाँ सुनाना मुझे बहुत प्रिय था।

अपने शिक्षण के दौरान ही मैंने बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकों की तीन शृंखलाएँ लिखीं जो कि भारत के विभिन्न स्कूलों में आज भी लगी हुई हैं 

इसके अलावा मैंने बच्चों के लिए कुछ गीत लिखे जिन्हें संगीत के माध्यम से ऑडियोबुक में तब्दील किया गया।  मेरी कहानियाँ भी कई पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई और आज भी बच्चों के लिए कहानियाँ लिखती हूँ ।

आज मैं देश-विदेश के बच्चों को ऑनलाइन हिंदी पढ़ा रही हूँ, साथ-ही-साथ पॉडकास्ट भी बना रही हूँ ।

मैं एक प्रोफेशनल स्टोरी टेलर हूँ और कहानियों के माध्यम से अपने देश की परंपरा, संस्कृति आदि को बड़े पटल पर बच्चों और बड़ों से साझा करती हूँ।

पिछले एक-डेढ़ वर्षों में मैंने अपने you tube  चैनल पर भी बहुत कार्य किया।

अपने सभी कार्यों को मैं आपके समक्ष लिंक द्वारा प्रस्तुत कर रही हूँ।  कृपया इन लिंक पर जाएँ और अधिक से अधिक लोगों से साझा करें।

Podcast - Usha Ma'am ki Potli (14 episodes and continuing)

https://open.spotify.com/show/4eUKolDSuCwe4Y7EciNc4A?si=5--2ii4xRyC1uUP-+8KwnEw&amp%3Butm_source=copy-link&amp%3Bnd=1&nd=1

 

Podcast – Naya Dost ( Hindi story)

https://open.spotify.com/episode/6FCmhIQzYpXBVdRW1Y4xxg?si=61b652e9b8a44528&fbclid=IwAR01NTQc6P1dJKxqTh0pv8XlDbx5NKBvk77UOIe3I_Da6rdRfOauoiGSkWQ&nd=1

 

Podcast- Taak Dhina Dhin (15 Hindi songs for children)

https://open.spotify.com/album/3JPF3dz67gM5j0ITzF0rcm?si=OBkMZErqTi2NNSlfu1OYrg&utm_source=whatsapp&nd=1

 

You Tube channel-

A . ( Making a Difference - A resource for teachers- Best practices shared by creative teachers of different subjects)

https://www.youtube.com/playlist?list=PLog6NWbcO-gH-5OJnfkHXQYm-yDlMsKy4

 

B. Guftagu –( A talk-show with passionate people who are pursuing offbeat careers)

https://www.youtube.com/playlist?list=PLog6NWbcO-gFFE1wDVzjOnyn0mWLdsjQV

 

C. Grammar- ( Hindi Grammar videos - Concepts explained in a very simple way)

https://www.youtube.com/playlist?list=PLog6NWbcO-gGnIQlKfVBIpk_u1NIFiQ4i

D. Stories

https://www.youtube.com/playlist?list=PLog6NWbcO-gHj2D16VQ0Y8iYmmuqkqiq-

आशा है आप इन संसाधनों का भरपूर उपयोग करेंगे एवं अन्य लोगों से भी साझा करेंगे।

धन्यवाद

उषा छाबड़ा

www.ushachhabra.com

https://www.youtube.com/channel/UC6pf777vk_qQ7iU6qqzGWWA

 

 

 

Sunday, May 29, 2022



    उसकी आँखें कहीं आपको तो नहीं ढूँढ़ रहीं !


अच्छा लगता है जब आप के साथ कोई चलता है,

भरी भीड़ में जब आप अकेले दौड़ रहे होते हैं, 

तब आँखें तरसती हैं, उन्हें देखने, जो आपके लिए खड़े होते हैं,

जो आपके लिए तालियाँ बजाते हैं ,

उनके चेहरे की मुस्कुराहट,

उनकी आँखों  की चमक,

आपके पैरों में नई उमंग और जान डाल देती है,

हजारों की भीड़ में वे चंद चेहरे आपको तरोताजा कर देते हैं,

 चाहे सबकी आवाजों में उनकी आवाज़  अलग से नहीं सुनाई देती,

लेकिन उनके शब्द आपके कानों तक जरूर पहुँचते हैं, 

आइए, हौंसला बढ़ाएँ , तालियाँ बजाएँ,

जश्न मनाएँ , किसी की जीत का, 

उसकी आँखें, कहीं आपको तो नहीं ढूँढ़ रहीं ! 

उषा छाबड़ा 

Sunday, April 25, 2021

 



 हिंदी भाषा में बच्चों की रुचि जागृत करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।  

Saturday, April 13, 2019

Happy Baisakhi, Bihu, Poila Boishakh, Puthundu, Vishu , Ugadhi....So many festivals unite us so well .Come to Gurgaon today to celebrate the stories that help us unite and celebrate UNITY .Let us enjoy the delicious STORY CHAAT! Visual Storytelling by Chitra Chandrashekhar is a real delight to experience.

Sunday, April 7, 2019

Teachers' Training At Khaitan Public School
Happy to share my skills with Hindi Teachers on the topic Challenges faced in Hindi Teaching .