समाचार पत्र खोलते ही पहले पन्ने पर ऐसे कई समाचार दिखाई दे जाते हैं कि समझ नहीं आता इंसान को आखिर हो क्या गया है. सभी को उसी ईश्वर ने बनाया है सभी में एक ही लौ है.. फिर इतनी असहिष्णुता क्यों है ? मानवता का रास्ता भूल हम पथभ्रष्ट क्यों हो रहे हैं? इस वक्त आवश्यकता है सिर्फ अपने आपको स्थिर रखने की । संयम की।
जश्न मानवता का एक जुट हों मनाएं
चलो सब एक हो नया गीत गुनगुनाएं
प्रेम के संदेश को जन जन में फैलाएं.
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