Sunday, October 11, 2015



समाचार पत्र खोलते ही पहले पन्ने पर ऐसे कई समाचार दिखाई दे जाते हैं कि समझ नहीं आता इंसान को आखिर हो क्या गया है. सभी को उसी ईश्वर ने बनाया है सभी में एक ही लौ है.. फिर इतनी असहिष्णुता क्यों है ? मानवता का रास्ता भूल हम पथभ्रष्ट क्यों हो रहे हैं? इस वक्त आवश्यकता है सिर्फ अपने आपको स्थिर रखने की । संयम की।

इंसानियत की मशाल सब मिलकर उठाएं
जश्न मानवता का एक जुट हों मनाएं
चलो सब एक हो नया गीत गुनगुनाएं
प्रेम के संदेश को जन जन में फैलाएं.
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