चलना ही जिंदगी है १
इस सप्ताह के सुविचार
- पंछी बन आसमान में उड़ने को जी चाहता है,
पतंग बन हवा से गुफ्तगू करने को जी चाहता है,
नदी बन पहाड़ों से निकल बहने को जी चाहता है ,
तितली बन फूलों की महक चुराने को जी चाहता है ,
चाहतों की लम्बी सूची है क्या क्या लिखूँ - - - - - - --
वास्तव में अब जीने को जी चाहता है।
- यह जीवन सुंदर है, जो पल जा रहा है, वह वापिस नहीं आएगा. इसलिए खुलकर जीएँ . मस्त रहें .
- पहला सुख निरोगी काया. अच्छे स्वास्थ्य से बड़ा कोई धन नहीं.पौष्टिक खाएं, खुश रहें .
- हर व्यक्ति का जीवन उसकी अपनी कर्मभूमि है, उसके अपने लक्ष्य हैं, उसके अपने रास्ते हैं. सफ़र खुद ही तय करना है. किसी से कोई तुलना नहीं.
- आपकी राह में अवरोध उत्पन्न करने वाले आपको कमजोर नहीं, सशक्त बना रहे हैं, इसलिए उनका आभार जानिये.
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