रामनवमी की प्रासंगिकता
आज का दिन श्री राम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता
है. मन में कई बार यह प्रश्न उठता है कि क्या श्री राम कभी थे, क्या रामायण सिर्फ
एक कथा है या सच्चाई ! क्या राम आज भी प्रासंगिक हैं!
राम एक ऐसे चरित्र हैं
जिन्होंने हर दिल पर राज किया.चाहे वे
कहानी के पात्र रूप में हों या मानवीय रूप
में ईश्वर.
आज हर समय यही सुना जाता है
कि राम राज्य की कल्पना न करो , तो फिर राम की पूजा क्यों ?
राम एक ऐसे पात्र हैं जिन्होंने हमारे सामने आदर्शों की स्थापना की , कष्ट भरे जीवन में भी अपनी
प्रतिज्ञा, अपनी मर्यादा को भंग नहीं होने दिया . उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न
उदाहरणों द्वारा यही बताया कि असत्य की
हमेशा हार होती है और सच्चाई की जीत . आज जब हमारा समाज इतनी सामाजिक , राजनीतिक एवं पारिवारिक समस्याओं
से गुजर रहा है , राम हमारे सामने एक ऐसा आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करते हैं जिससे मानवता में हमारी आस्था बनी रह सके . हम चाहे राम के सभी गुणों को न
अपना पाएं लेकिन फिर भी कुछ एक गुणों को धारण करके भी हम समाज को एक नई दिशा
प्रदान कर सकते हैं. आज के सामाजिक मूल्यों के विघटन के दौर में राम सिर्फ धर्म विशेष
के प्रतीक के रूप में नहीं , बल्कि मानवता के कर्णधार के रूप में देखे जाने चाहिए. सिर्फ मूर्तिपूजा नहीं, बल्कि उनके दिखाए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है .
उषा छाबड़ा
१५.४.१६
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