ज़िन्दगी एक पहेली है और हम इसे समझते और बूझते ही रह जाते हैं। चलना ही ज़िन्दगी है, मैं सोचकर आगे बढ़ती रही ।मेरे जीवन के अब तक के अनोखे सफर के बारे में सेतु पत्रिका हेतु अनुराग जी द्वारा लिया गया साक्षात्कार आप तक पहुंचा, इसके लिए मैं उनका दिल से शुक्रिया अदा करती हूं। इसे आप निम्नलिखित लिंक पर पढ़ सकते हैं।http://www.setumag.com/2017/05/Usha-Chhabra-Interview.html
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