बच्चों का हिंदी भाषा के प्रति रुझान धीरे- धीरे कम हो रहा है क्योंकि हम सब चाहते हैं कि बच्चा अधिक से अधिक अंग्रेजी में बोले ताकि बड़े होकर उसे नौकरी के लिए परेशानी न आए और अगर विदेश जाना है तो भी आसानी हो जाए। इसलिए अंग्रेजी की किताबें लाकर देते हैं , उससे बचपन से ही अंग्रेजी में बात करते हैं , अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय में दाखिला दिलवाते हैं। नतीजा सामने है। हिंदी भाषा से संपर्क टूट रहा है। अब समस्या यह है कि स्कूलों में हिंदी विषय में कम अंक आने लगे हैं। अब अभिभावकों को चिंता सताने लगती है कि कक्षा चौथी - पांचवीं तक जो शब्द भंडार , मात्रा ज्ञान आ जाना चाहिए था , वह नहीं आया। अब कक्षा छठी में अचानक मन बोझिल होने लगता है। आखिर करें तो क्या करें। पाठ्यक्रम भी बढ़ गया है अब मात्राएँ कराएं या पाठ्यक्रम की ओर ध्यान दें। असमंजस की स्थिति है। इन सब बातों को मद्देनज़र रखते हुए एक वीडियो शृंखला निकालने का मन है जिसकी पहली कड़ी आप सबके सामने है। आशा है आप सबको पसंद आएगी।
https://www.youtube.com/watch?v=JnD9yZ4ty2A
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