नया वर्ष
बाहर कुछ बच्चे खेल
रहे थे। कभी दौड़ते ,कभी रुकते,
कभी हँसते और कभी एक दूसरे को छेड़ते।
थोड़ी देर में दो बच्चों के बीच लड़ाई हो गई। एक गुस्से में कुछ बोल रहा था,
दूसरा भी चुप नहीं हो रहा था। काफी देर तक दोनों
एक - दूसरे से नाराज़ रहे। फिर धीरे- धीरे उनमें थोड़ी
बात चीत हुई और फिर वे एक साथ खेलने लगे।
दूर अपने घर में
बैठी रजनी सब कुछ देख रही थी। वह धीरे से उठी और रसोई की
तरफ बढ़ी। उसने नूडल्स बनाये। तभी दरवाज़े की घंटी बजी। रजनी ने दरवाज़ा खोला। रेखा
दफ्तर से थक कर आयी थी। घर में घुसते ही रेखा ने पूछा, "माँ क्या बनाया
है? बड़ी अच्छी खुशबू आ रही
है।" रजनी ने जवाब दिया , "बेटी तुम्हारे लिए नूडल्स बनाए हैं। नए वर्ष की ढेरों
शुभकामनाएँ।" नए वर्ष में अपनी सास के बदले हुए व्यवहार को देखकर रेखा
मुस्कुरा उठी। तभी रजनी ने उसे गले लगा लिया।
उषा छाबड़ा
No comments:
Post a Comment