Saturday, July 30, 2016


उपन्‍यासकार सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती 31 जुलाई को प्रतिवर्ष बड़े ही उत्‍साह से मनाई जाती है . उनकी कहानियों के अपार भंडार से मेरे द्वारा उनकी कुछ कहानियों जैसे ईदगाह, कज़ाकी , ठाकुर का कुआँ , बूढ़ी काकी , नशा आदि का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया जाएगा। आप सब का हार्दिक स्वागत है।




बचपन में हम अपने दादा - दादी, नाना - नानी, आस- पड़ोस से कहानियाँ सुनकर बड़े होते है। कहानियों की दुनिया में पात्र जीवित हो उठते हैं , वे पात्र हमसे संवाद करते हैं और हमारे मानस पटल पर एक छाप छोड़ जाते हैं। इन कहानियों की विचित्र पर प्यारी दुनिया में एक बार फिर आपका स्वागत है। आइए एक बार बच्चा बनकर उन पलों को जी लें।

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